अंबिकापुर, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ में बारिश अब कहर बनकर टूट रही है। बीते दिनों बलरामपुर जिले के लुत्ती बांध टूटने से कई लोगों की मौत हो गई थी। इस बार सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के ग्राम पंचायत गेरसा में आज शनिवार की सुबह अचानक तेज बहाव और अधिक जलस्तर के कारण गेरसा बांध टूट गया है। जिससे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल है। बांध के टूटने से नीचे की ओर लगभग 30 एकड़ फसल पानी में डूबकर खराब होने की आशंका जताई जा रही है। सूचना मिलते ही कलेक्टर ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया।
मिली जानकारी अनुसार, शनिवार की सुबह करीब 9 बजे जब चरवाहे अपने मवेशी चराने जंगल की ओर जा रहे थे, तभी उन्हें पानी की तेज आवाज सुनाई दी। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि बांध के एक साइड गेट के पास सुराख बन गया था। जो धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते लगभग 3 मीटर चौड़ा हो गया और बांध का हिस्सा टूट गया। अचानक पानी फैल जाने से किसान और ग्रामीण परेशान हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही एरिगेशन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन पानी की अधिकता के चलते कोई ठोस बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मिट्टी का कटाव जारी रहा तो पूरा बांध क्षतिग्रस्त हो सकता है।अधिकारियों ने बताया कि, पानी का स्तर कम होने के बाद ही बांध को दोबारा बांधने या मरम्मत का कार्य किया जा सकेगा।
वहीं, इस मामले में लुंड्रा एसडीएम जगतराम शतरंज ने आज शनिवार को बताया कि, गेरसा बांध टूटने से करीब 10 हैक्टेयर फसल का नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। इसमें किसी की जनहानि नहीं हुई है। कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि, जिन किसानाें के फसल नष्ट हुए है प्रकरण बनाकर जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए। फिलहाल पानी का प्रेशर ज्यादा होने के कारण बांध को बंद नहीं किया जा सका है, उम्मीद है कि आज देर रात पानी का प्रेशर कम हो जाएगा, जिसके बाद कल सुबह बांध का मरम्मत करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा बांध जहां से टूटा है उसके दोनों ओर बैरीकेडिंग कर पुलिस की तैनाती की गई है ताकि कोई जनहानि न हो सके।उल्लेखनीय है कि, गेरसा जलाशय बांध का निर्माण 1991-92 में किया गया था। तीन दशक पुराने इस बांध की मजबूती पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब टूटने से बड़ी समस्या सामने आ गई है। बांध के टूटने से ग्रामीणों की फसलों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
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