धर्मशाला, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर स्थित शिटाके कल्टीवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर में हिमाचल प्रदेश क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शीटाके मशरूम प्रोसेसिंग (पोस्ट हार्वेस्ट हैंडलिंग एंड प्रोसेसिंग) का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में बीपीएमयू देहरा के अंतर्गत विभिन्न एफआईएस क्लस्टरों से जुड़े 23 किसानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान पहले दिन बुधवार को शिटाके डिसेमिनेटर सपन ठाकुर एवं प्रशिक्षण संयोजिका अंबिका देवी ने किसानों को शिटाके मशरूम की कटाई उपरांत प्रबंधन की महत्ता, ग्रेडिंग, शीटाके मशरूम के पोषण व औषधीय गुणों तथा विभिन्न सुखाने की तकनीकों से अवगत कराया गया। दूसरे दिन प्रशिक्षकों ने शिटाके मशरूम के सुरक्षित भंडारण, ग्रेडिंग व सार्टिंग के साथ-साथ शीताके चिप्स, फ्लेक्स व पाउडर बनाने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। किसानों को मशरूम की पैकेजिंग, लेबलिंग एवं विपणन संबंधी जानकारी भी प्रदान की गई।
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक, डाॅ. योगेंद्र कौशल ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को व्यावसायिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने किसानों को शिटाके ब्लाॅक्स खरीदकर वाणिज्यिक स्तर पर खेती करने तथा किसान हित समूह बनाकर ताजे व सूखे मशरूम का विपणन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के उपरांत किसानों को शिटाके मशरूम की कटाई उपरांत प्रबंधन, ग्रेडिंग, सुखाने, भंडारण एवं विपणन संबंधी तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ है, जिससे भविष्य में वे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
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