जयपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . राज्य सरकार आमजन को संवेदनशील, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी दिशा में राजकीय कार्य के निष्पादन में लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं भ्रष्टाचार के दोषी कार्मिकों के विरुद्ध निरंतर सख्त कार्रवाई की जा रही है. राजकीय सेवाओं में अनुशासन और ईमानदारी के लिए सर्वापरि स्थान सुनिश्चित करने के क्रम में राज्य सरकार द्वारा गत पौने दो वर्ष में कुल 210 कार्मिकों के विरुद्ध विभिन्न अनुशासनात्मक कार्रवाइयां की गई हैं.
Chief Minister भजनलाल शर्मा का मानना है कि अधिकारी-कर्मचारी सरकार के शासन तंत्र की मुख्य धुरी हैं, जिनकी जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में अहम भूमिका होती है. ऐसे में कार्मिक पूरे समर्पण भाव एवं सत्यनिष्ठा से काम करते हुए राज्यहित को सर्वाच्च प्राथमिकता दें, ताकि अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके.
66 अधिकारियों को किया निलंबित, 98 कार्मिकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति
राज्य सरकार ने 20 माह के कार्यकाल में आपराधिक प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए अखिल Indian सेवा एवं राज्य सेवा के 66 अधिकारियों को निलंबित किया है. इसी प्रकार, आपराधिक प्रकरणों में दोष सिद्ध पाए जाने पर 6 अधिकारियों को पदच्युत एवं 9 अधिकारियों के विरूद्ध आजीवन शत प्रतिशत पेंशन रोकने संबंधी कार्रवाई की है.
राजकीय सेवाओं में ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा सुनिश्चित करने के क्रम में राज्य सरकार ने 20 माह के कार्यकाल में ही 98 कार्मिकों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति प्रदान की है. वहीं, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 की धारा 17ए के तहत कुल 31 प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण किया है.
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(Udaipur Kiran)
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