पौड़ी गढ़वाल, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) .जिला सभागार में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, मिशन मोड योजनाओं की प्रगति, एंबुलेंस सेवाओं, दवाओं की उपलब्धता, संस्थागत प्रसव और जनजागरुकता से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की गयी.
बैठक के दौरान एसीएमओ विनय कुमार त्यागी ने पीसीपीएनडीटी, निक्षय पोषण योजना, स्वास्थ्य सूचकांकों तथा Uttarakhand नैदानिक स्थापन नियमावली 2015 की जानकारी दी. एंबुलेंस सेवाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि 108 एंबुलेंस आपात स्थितियों में फर्स्ट रिस्पांडर होती हैं, इसलिए उनका रिस्पॉन्स त्वरित और प्रभावी होना चाहिए.
उन्होंने सभी ब्लॉक चिकित्साधिकारियों को एंबुलेंस का निरीक्षण कर सुविधाएं, उपकरण और वाहन की स्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही सीएमओ डॉ. शिव मोहन शुक्ला को चेकलिस्ट के आधार पर एम्बुलेंसों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा.
दवाओं की उपलब्धता पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि विशेषज्ञ डॉक्टरों से समन्वय कर अस्पताल की उपलब्धता के अनुसार दवाएं लिखें तथा जन औषधि केंद्रों की दवाओं को प्राथमिकता दें.
पीसीपीएनडीटी एक्ट की समीक्षा में जिलाधिकारी ने अल्ट्रासाउंड केंद्रों की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिया कि जिन ब्लॉकों में डिलीवरी प्वाइंट हैं, वहां संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किए जाएं. उन्होंने जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार पर भी विशेष बल दिया. गहन टीबी अभियान की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि एक्स-रे मशीनों की उपयोगिता और रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए. उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिए कि मोबाइल एक्स-रे मशीनों को सुभेद्य क्षेत्रों में भेजकर अधिकतम परीक्षण कराएं तथा इस अभियान का प्रचार-प्रसार करें.
उन्होंने निक्षय पोषण योजना की समीक्षा करते हुए चिकित्साधिकारियों से सुझाव लिए और निक्षय मित्र समुदाय से बेहतर समन्वय करने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने कहा कि टीबी का ट्रीटमेंट सक्सेस रेट बढ़ाने के लिए सही डायग्नोसिस और रिपोर्टिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विशेषज्ञ डॉक्टरों को आपातकालीन ड्यूटी में न लगाया जाए और लेबर रूम के आधुनिकीकरण पर प्राथमिकता दी जाए. साथ ही उन्होंने चिकित्सकीय स्टाफ की स्थिति पर चर्चा करते हुए रेडियोलॉजिस्टों को सप्ताह में दो दिन कोटद्वार से सतपुली और थलीसैंण से बीरोंखाल तैनात करने के निर्देश दिए. बैठक में जिलाधिकारी ने खुशियों की सवारी योजना, जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना के साथ मातृत्व मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर जैसे स्वास्थ्य सूचकांकों की समीक्षा की.
उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना प्राथमिक लक्ष्य है. इसके लिए प्रधानों, जनप्रतिनिधियों और आशा कार्यकर्त्रियों के माध्यम से दूरस्थ गांवों में प्रचार-प्रसार किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि एएनएम और अकुशल दाइयों की सूची तैयार कर उनका प्रशिक्षण कराया जाए.
(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह
You may also like

बिहार चुनाव में मिथिला की सांस्कृतिक पहचान का 'भावनात्मक कनेक्ट' के लिए इस्तेमाल कर रहीं पार्टियां

सूडान में ऐसा क्या है जो UAE करना चाहता है कब्जा, करा दिया ईसाइयों का नरसंहार, हर तरफ बिखरीं लाशें

झारखंडः चतरा में अपराध की योजना बनाते राहुल सिंह गिरोह के चार गुर्गे गिरफ्तार, दो पिस्टल और 10 जिंदा कारतूस बरामद

मिलˈ गई सख्त खोल से नारियल को सेकेंड में निकालने की आसान ट्रिक, बिना चाकू के ऐसे निकलेगा Coconut बाहर﹒

India Electricity Capacity: क्लीन एनर्जी, ग्रीन एनर्जी... इस क्षेत्र में भारत ने हासिल की दो-दो उपलब्धियां, दिखाया दुनिया को अपना दम





