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परंपरागत मौसम के पूर्वानुमानों के तहत प्रकृति ने दिए अच्छे जमाने के संकेत

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बीकानेर, 1 मई . रेगिस्तान में वर्षा और मौसम के पूर्वानुमान आसपास के पेड़ पौधों, पशु पक्षियों व वन्य जीवन के आचरण के आधार पर तय किए जाते हैं. जिसके चलते इस बार प्रकृति ने अच्छी वर्षा के संकेत दिए हैं. ये पूर्वानुमान विभिन्न पेड़ पौधों पर आने वाले फूलों , फलों , फलों के पकने की अवधि व पशु पक्षियों के प्रजनन, ब्रीडिंग सक्सेस की गतिविधियों के आधार पर किया जाता है.

प्रोफेसर अनिल कुमार छंगाणी, विभागाध्यक्ष, पर्यावरण विज्ञान विभाग , महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर ने बताया कि विभाग द्वारा पिछले कई वर्षों से इन परंपरागत मौसम पूर्वानुमानों का साथ-साथ वैज्ञानिक ढंग से भी अध्ययन किया जा रहा है. और लगभग हर बार इन पूर्वानुमानों का सटीक प्रभाव सामने आया है.

इस वर्ष केर में पहली बार अच्छे फूलों का आना और तत्पश्चात सभी का केर में तब्दील होना, इसी तरह खेजड़ी में भी अच्छे मिंजर आना फूल आना तथा उनका सांगरी में तब्दील होना और पकी हुई संगरियों का खोखा में तब्दील होना इस बात का संकेत है कि इस वर्ष अच्छी बारिश होगी.

इसी तरह से गोरिया ने इस बार तीन से चार अंडे दिए. टिटहरी ने भी लगभग सभी जगह चार-चार अंडे दिए और सभी की ब्रीडिंग सक्सेस 80 से 90% रही है. जो इस बात का संकेत है कि इस बार मानसून अच्छा रहेगा.

इसी तरह थार मरुस्थल में स्तनधारी जीवों की अगर बात करें तो चिंकारा, ब्लैक बक, नीलगाय व लंगूरों का प्रजनन सामान्य देखा गया है.

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/ राजीव

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