पूर्वी सिंहभूम, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अर्चना मिश्रा की अदालत ने एक चेक बाउंस मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. अदालत ने जुगसलाई एमी स्कूल रोड निवासी आरोपित राजेश कुमार घोष को दोषी पाते हुए 5 लाख 70 हजार रुपये का मुआवजा देने और छह महीने के कारावास की सजा सुनाई.
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि यदि आरोपित निर्धारित छह महीने की अवधि में मुआवजा राशि अदा नहीं करता है, तो उसकी सजा तीन महीने और बढ़ा दी जाएगी.
यह मामला कंप्लेंट केस नंबर 1342/16 से संबंधित है, जिसमें बागबेड़ा निवासी भाजपा नेता सुबोध कुमार झा ने राजेश कुमार घोष के खिलाफ वर्ष 2016 में मामला दर्ज कराया था. शिकायतकर्ता ने बताया कि राजेश कुमार घोष ने उन्हें 3,45,000 रुपये का चेक दिया था. चेक बैंक में जमा करने पर डिशॉनर (बाउंस) हो गया. इसके बाद सुबोध झा ने विधिक कार्रवाई करते हुए यह मामला दायर किया था.
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से पर्याप्त साक्ष्य और दस्तावेज प्रस्तुत किए , जिससे अभियुक्त की गलती साबित हुई. अंततः अदालत ने इसे Indian दंड संहिता की धारा 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध मानते हुए यह निर्णय सुनाया.
इस प्रकरण में शिकायतकर्ता सुबोध कुमार झा की ओर से अधिवक्ता आनंद कुमार झा ने पैरवी की. वहीं, फैसले के बाद न्यायालय परिसर में मौजूद लोगों ने कहा कि यह निर्णय उन लोगों के लिए एक नजीर साबित होगा जो वित्तीय लेन-देन में लापरवाही या धोखाधड़ी करते हैं.
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(Udaipur Kiran) / गोविंद पाठक
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