हरिद्वार, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . सिख पंथ के संस्थापक और प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी के 556 वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में sunday शाम को नगर कीर्तन निकल गया. प्रेम नगर पुल के पास स्थित ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा से नगर कीर्तन का शुभारंभ गुरुद्वारा के मुख्य संरक्षक एवं निर्मल संतपुरा पीठाधीश्वर संत जगजीत सिंह शास्त्री महाराज ने हरी झंडी दिखा कर किया.
हरिद्वार के प्रमुख बाजारों से होता हुआ नगर कीर्तन ललतारो पुल स्थित गुरुद्वारे में समाप्त हुआ. नगर कीर्तन का जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया, लंगर लगाए गए और आतिशबाजी की गई.
इस अवसर पर संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए सिख पंथ की स्थापना की थी और निर्मल पंथ चलाया था. उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे.गुरुद्वारा सिंह सभा ललतारो पुल के प्रधान महंत हर्षवर्धन सिंह ने कहा कि सिख धर्म सबको जोड़कर मानवता की मिसाल कायम करता है. सभा के सचिव हरदीप सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने समाज में कुरीतियों और अंधविश्वास के खिलाफ अलख जगाई. इस अवसर पर सभा के उप प्रधान रेशम सिंह, सुरजीत सिंह, खुराना बीबी, सिम्मी तनेजा, बीबी कुलवंत कौर, बीबी रानी आदि नगर कीर्तन में शामिल रहे.
नगर कीर्तन में सबसे आगे घोड़े पर सवार पंच प्यारे, उनके पीछे पुरुष एवं महिला पंच प्यारे तलवार लेकर चल रहे थे और उनके पीछे गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी चल रही थी. गुरु नानक देव जी के जीवन चरित्र पर कई झांकियां कीर्तन में शामिल थी. बैंड बाजे नगर कीर्तन में शामिल थे. नगर कीर्तन के साथ गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की शुरुआत हो गई है. 5 नवंबर को प्रकाश पर्व के अवसर पर हरिद्वार के विभिन्न गुरुद्वारा में समारोह किए जाएंगे और गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का भोग चढ़ाया जाएगा. और शबद कीर्तन का आयोजन होगा.
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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