कोलकाता, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या से जुड़े मामले में गिरफ्तार सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त शुभजीत सेन को जमानत दे दी। यह मामला वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद हुई हिंसा से जुड़ा है।
न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की पीठ ने सेन को जमानत देते हुए कड़ी शर्तें लगाई हैं। अदालत ने आदेश दिया है कि जमानत की अवधि में वे नारकेलडांगा क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेंगे, गवाहों को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे और अपनी मोबाइल संख्या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सूचित करेंगे। साथ ही वे बिना अनुमति फोन नंबर बदल नहीं सकेंगे। इसके अलावा सेन को पासपोर्ट निचली अदालत में जमा कराना होगा और विदेश यात्रा करने के लिए अदालत की अनुमति लेनी होगी।
गौरतलब है कि इस साढ़े चार साल पुराने मामले में कई पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के नाम शामिल हैं। विशेष सीबीआई अदालत ने 18 जुलाई को तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर रत्ना सरकार और होम गार्ड दीपंकर देबनाथ को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। इसी दिन सेन और उनकी सहयोगी सुजाता डे की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई थी। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में रत्ना और दीपंकर को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद हुई थी। परिजनों का आरोप है कि उन्हें बेरहमी से पीटकर गला दबाकर मार डाला गया। शुरू में इस मामले की जांच नारकेलडांगा थाने की पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई।
पुलिस ने इस मामले में पहले 15 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद सीबीआई ने सितंबर 2021 में पहला अतिरिक्त आरोपपत्र पेश किया, जिसमें कुल 20 नाम शामिल थे। इस वर्ष दो जुलाई को सीबीआई ने पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें बेलेघाटा से तृणमूल कांग्रेस विधायक परेश पाल और कोलकाता नगर निगम के दो पार्षद—स्वपन समाद्दार और पापिया घोष—को भी आरोपित बनाया गया।
21 अगस्त को हाई कोर्ट ने परेश पाल, पापिया घोष और स्वपन समाद्दार को अग्रिम जमानत दी थी। न्यायमूर्ति जॉय सेनगुप्ता ने आदेश दिया था कि यदि सीबीआई की कार्रवाई के दौरान इनकी गिरफ्तारी होती है तो इन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल जाएगी। अदालत ने इनके लिए भी कई शर्तें लगाई थीं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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