गुमला, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . एक गरीब आदिवासी परिवार ने प्रखंड के पदाधिकारी-कर्मियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बार-बार पक्का आवास मुहैया कराने की मिन्नत करता रहा, लेकिन परिवार को किसी सरकार याेेेजनाओं का लाभ नहीं दिया गया. गुरूवार की बीती रात को भारी बारीश के कारण संबंधित आदिवासी परिवार का कच्चा घर गिर गया. गनीमत रही कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
घर गिरने से परिवार सदमें में है. यह घटना जिले के चैनपुर मुख्यालय सहित बाजारटांड़ बस्ती निवासी सेम कुजूर की है. भुक्तभोगी कुजूर ने बताया कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना और अबुवा आवास के लिए कई बार फॉर्म भरकर जमा किया. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी आवास दिलवाने की गुहार लगाई, लेकिन उनकी समस्याओं का निदान किसी ने नहीं किया.
मौके पर कुजूर ने प्रशासन से फिर से मदद की अपील की है.
कुजूर ने बताया कि जब घटना घटी तो उसका पूरा परिवार गहरी नींद में सोया हुआ था. उसने बताया कि जो कमरा गिरा उधर घटना की रात परिवार का कोई सदस्या नहीं सोया था. यदि परिवार को कोई सदस्य उस कमरे में सोता तो बड़ी अनहोनी हो सकता था.
उल्लेखनीय है कि सेम कुजूर खेतीकर परिवार का पेट पालता है. कुजूर इस मकान में पत्नी संगीता कुजूर और चार बच्चों के साथ रहता था. सोम कुजूर ने बताया कि वह इतना सक्षम नहीं है कि तत्काल घर को बनवा सके. घर के टूटने से घर में रहना मुश्किल हो गया है. इसलिए प्रशासन उन्हाेंने तत्काल राहत दें.
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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