— बैरिस्टर नरेन्द्रजीत सिंह 32वां स्मृति समारोह-2025 का आयोजन
कानपुर, 01 नवम्बर (Udaipur Kiran) . आज हम सब बैरिस्टर साहब का स्मरण कर रहे हैं. वह वास्तव में निष्काम कर्मयोगी थे. उन्होंने अपना सारा जीवन समाज, शिक्षा और राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया. स्वर्गीय बैरिस्टर नरेंद्रजीत सिंह सदैव सामाजिक समरसता और सद्भाव को समाज-निर्माण की मूल आधारशिला मानते थे.
यह बातें Saturday को लोक सेवा आयोग के सदस्य हरेश प्रताप सिंह ने कही. बैरिस्टर नरेन्द्रजीत सिंह 32वां स्मृति समारोह-2025 का आयोजन बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज बेनाझाबर में किया गया. जिसके अन्तर्गत आज बैरिस्टर नरेन्द्रजीत सिंह बाल संस्कार केन्द्र सिलाई केन्द्र के वार्षिक समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं समरसता सहभोज का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि हरेश प्रताप सिंह (सदस्य-लोक सेवा आयोग Uttar Pradesh) ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्र की शक्ति उसके विभिन्न वर्गों के बीच आपसी सम्मान और एकता से बढ़ती है, अपने जीवनकाल में बैरिस्टर साहब ने वर्ग, जाति से ऊपर उठकर सभी को जोड़ने वाली संस्कृति को बढ़ावा दिया. उनका मानना था कि सेवा और संवाद ही समाज में वास्तविक मेल-मिलाप और सद्भावना का मार्ग प्रशस्त करते हैं.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में संघ की 100 वर्षो की यात्रा एवं संघ की पंच परिवर्तन की अवधारणा को दर्शाने हेतु विद्यालय में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि ने सिलाई केन्द्र की छात्राओं द्वारा स्वहस्तनिर्मित वस्त्रों एवं वस्तुओं की इस प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन किया तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता 60 से अधिक छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया. इस अवसर पर संस्कार केन्द्र की वार्षिक पत्रिका “समर्पण“ का विमोचन भी किया गया.
समारोह की अध्यक्षता ब्रह्मावर्त सनातन धर्म महामण्डल के अध्यक्ष वीरेन्द्रजीत सिंह ने की. उन्होंने पंच परिवर्तन के माध्यम से सामाजिक जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के संकल्प को एक बार फिर दोहराया. हमारा लक्ष्य केवल व्यक्तिगत उन्नति नहीं, बल्कि समग्र राष्ट्र की प्रगति और सामाजिक समरसता की स्थापना होना चाहिए.
संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर उन्होंने सभी स्वयंसेवकों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करते हुए कहा कि संघ की यह सौ वर्षों की प्रेरणादायी यात्रा हम सभी के लिए सेवा, त्याग, अनुशासन और राष्ट्र निर्माण की अमूल्य प्रेरणा स्रोत है. यह दीर्घ यात्रा हमें यह स्मरण कराती है कि निरंतर परिश्रम और समर्पण से ही हम अपने देश को उन्नति के शिखर पर पहुँचा सकते हैं. उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह शताब्दी वर्ष नए संकल्पों, नए जोश और नव ऊर्जा के साथ राष्ट्र सेवा की दिशा में एक स्वर्णिम अध्याय सिद्ध होगा.
विद्यालय के प्रबंधक आदित्य शंकर बाजपेयी ने बाल संस्कार केन्द्र एवं सिलाई केन्द्र की प्रगति आख्या प्रस्तुत की. विद्यालय की उपप्रधानाचार्या मंजूबाला श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि का परिचय एवं स्वागत किया. अन्य अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य बृजमोहन कुमार सिंह ने किया. आभार प्रदर्शन विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष पं. रमाकान्त ने किया.
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ संजना, वर्षा, सिफा, कीर्ति, रिमझिम, सारा खान आदि छात्राओं के द्वारा प्रस्तुत की गई सरस्वती वन्दना से हुआ. सारा खान, खुशी, अलसिफा, अर्चिता, परी आदि छात्राओं ने पुराणों में वर्णित चारों युगों को नृत्य तथा भाव-भंगिमाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया. नन्हे-मुन्ने बच्चाें द्वारा एक बाल गीत पर अभिनय कर “सर्व शिक्षा अभियान“ के अन्तर्गत “सब पढ़ें, सब बढें“ की धारणा पर एक मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया. प्रिंसेस, काव्या, प्रियांशु, प्रियांशी आदि छात्र-छात्राओं ने आपरेशन सिंदूर कार्यक्रम के अन्तर्गत सैनिकों के शौर्य व पराक्रम को प्रदर्शित किया. खुशी, कंचन, अर्पिता, करिश्मा, सिफा, संजना, शिवांगी ने मनमोहक Rajasthanी नृत्य प्रस्तुत किया. छात्रों के द्वारा अभिनीत “पंच परिर्वतन“ के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा किये जा रहे समाज सुधार को दर्शाया गया.
इस अवसर पर बालकृष्ण लाहोटी, नन्दिता वीरेन्द्रजीत सिंह, सुरेन्द्र कक्कड़, डॉ कमल किशोर गुप्ता, नीतू सिंह, बैरिस्टर, दिलीप सरदेसाई, डॉ श्यामबाबू गुप्ता, जगन्नाथ गुप्ता, डाॅ. अरविंद दीक्षित संजीव पाठक, वेणुरंजन भदौरिया, आरसी शर्मा एवं विभिन्न संस्थाओं एवं सगठनों से आये हुए पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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