रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भले ही रेपो रेट में कोई बदलाव न किया हो, लेकिन ऐसे कई बड़े ऐलान किए हैं, जो देश की इकोनॉमी को नई उड़ान दे सकते हैं। बुधवार को RBI ने रियल इकोनॉमी में कर्ज के प्रवाह को बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इन उपायों से बिजनेस, निवेश और इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को जबरदस्त बूस्ट मिलने की उम्मीद है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने लोन को आसान बनाने और फाइनेंसिंग कॉस्ट को कम करने के लिए पांच बड़े ऐलान किए हैं।
कॉर्पोरेट अधिग्रहण के लिए लोन आसानRBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पहला बड़ा ऐलान कॉर्पोरेट अधिग्रहण के लिए लोन को आसान करने का किया है। भारतीय कंपनियों को अधिग्रहण के लिए जरूरी फाइनेंस बैंकों से मिलता है। इसके लिए RBI ने एक मजबूत स्ट्रक्चर तैयार करने का वादा किया है। इस स्ट्रक्चर से बैंकों को लोन देने के मौके बढ़ेंगे, जिससे कंपनियों का विस्तार और कंसोलिडेशन तेजी से होगा। यह कदम बिजनेस की रफ्तार को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
कैपिटल मार्केट लोन में राहतदूसरा ऐलान कैपिटल मार्केट लोन से जुड़ा है। RBI ने लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज पर लोन की रेगुलेटरी लिमिट को पूरी तरह हटा दिया है। साथ ही, शेयरों पर लोन की सीमा को प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, IPO फाइनेंसिंग की लिमिट को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का फैसला लिया गया है। ये बदलाव निवेशकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं और शेयर बाजार में नई जान फूंक सकते हैं।
पुराने ढांचे को अलविदातीसरा बड़ा फैसला 2016 के पुराने ढांचे को खत्म करने का है। इस ढांचे ने बैंकों को 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन वाले उधारकर्ताओं को कर्ज देने से रोक रखा था। अब इस ढांचे को बंद करने से बड़े लोन आसानी से मिल सकेंगे। इससे बड़े बिजनेस को नई उड़ान मिलेगी और इकोनॉमी में तेजी आएगी।
इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को मिलेगा बूस्टचौथा ऐलान इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंस से जुड़ा है। RBI ने हाई क्वालिटी वाले चल रहे इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के लिए NBFC लोन के जोखिम को कम करने की योजना बनाई है। यह NBFC के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित होगा, जिससे उनकी ताकत बढ़ेगी और कैपिटल एक्सपेंडिचर में इजाफा होगा। इसका नतीजा? पूरी इकोनॉमी में जोरदार तेजी आएगी।
शहरी सहकारी बैंकों को नई शुरुआतपांचवां ऐलान शहरी सहकारी बैंकों (UCB) से जुड़ा है। 2004 से रुकी हुई नई शहरी सहकारी बैंकों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया फिर शुरू हो सकती है। RBI इस क्षेत्र में सुधार के लिए हितधारकों की मांग को देखते हुए एक चर्चा पत्र जारी करेगा। यह कदम छोटे बैंकों को मजबूती देगा और आम लोगों तक बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करेगा।
अन्य अहम फैसलेRBI ने कुछ और बड़े सुधारों की घोषणा भी की है। 1 अप्रैल, 2027 से एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस (ECL) फ्रेमवर्क और रिवाइज्ड बेसल III नॉर्म्स लागू किए जाएंगे। साथ ही, FEMA नियमों के तहत एक्सटरनल कमर्शियल बोरोइंग से जुड़े प्रावधानों को और युक्तिसंगत बनाने का फैसला लिया गया है।
इसके अलावा, स्ट्रांग रिस्क मैनेजमेंट को बढ़ावा देने के लिए रिस्क-बेस्ड डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रीमियम शुरू करने का ऐलान किया गया है। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि इन कदमों का मकसद लोन का विस्तार करना, प्रायोरिटी सेक्टर को सपोर्ट करना और देश की आर्थिक वृद्धि को और मजबूत करना है।
You may also like
Jokes: बीवी- मेरे पुराने कपड़े डोनेट करूँ क्या? पति- फेंक दे, क्या डोनेट करना... पढ़ें आगे
100 Years Of RSS: महात्मा गांधी, डॉ. अंबेडकर और लाल बहादुर शास्त्री के आरएसएस के बारे में क्या थे विचार?, भ्रांतियों को तोड़ते हैं ये ऐतिहासिक तथ्य
यूपी में मौसम का कहर: भारी बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट!
पढ़े-लिखे मूर्खो बच्चो को बोर्नविटा कॉम्पलैन नही` हल्दी वाला दूध दीजिये क्योंकि इसके 15 अद्भुत फायदे है
पूजा शकुन पांडे ने फजल और आसिफ से क्यों कराई अभिषेक की हत्या? खुल गया करीबी रिश्ते और पार्टनरशिप का कनेक्शन!