बच्चों का मन कोमल होता है, और उनकी संगत उनके व्यक्तित्व को गढ़ती है। गलत दोस्त या बुरी संगत बच्चे को गलत रास्ते पर ले जा सकती है, लेकिन डांट-फटकार इसका समाधान नहीं। 10 मई, 2025 को पेरेंटिंग साइकोलॉजिस्ट्स ने 7 ऐसे सुझाव दिए, जिनसे बिना डांटे बच्चे को बुरी संगत से बचाया जा सकता है। ये तरीके न केवल बच्चों के साथ आपके रिश्ते को मजबूत करेंगे, बल्कि उनके भविष्य को भी संवारेंगे। आइए, इन सुझावों को समझते हैं।
बुरी संगत का असर
बुरी संगत का मतलब सिर्फ गलत दोस्त ही नहीं, बल्कि ऐसी आदतें, व्यवहार या माहौल भी हैं, जो बच्चे के नैतिक और भावनात्मक विकास को नुकसान पहुंचाते हैं। साइकोलॉजिस्ट्स का कहना है कि किशोरावस्था में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे अपनी पहचान तलाश रहे होते हैं। गलत संगत से बच्चे में आक्रामकता, पढ़ाई में कमी, या यहां तक कि नशे की लत जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं। डांटने से बच्चा और बगावती हो सकता है, इसलिए माता-पिता को समझदारी और धैर्य से काम लेना चाहिए।
1. खुला संवाद बनाए रखें
बच्चों के साथ दोस्ताना रिश्ता बनाना सबसे जरूरी है। साइकोलॉजिस्ट्स सलाह देते हैं कि रोजाना उनके साथ कुछ समय बिताएं और उनकी बातें बिना जज किए सुनें। अगर बच्चा अपनी परेशानियां या दोस्तों के बारे में खुलकर बात करता है, तो वह गलत संगत की ओर कम झुकेगा। उदाहरण के लिए, रात के खाने के समय उनकी दिनचर्या के बारे में पूछें और उनकी राय को महत्व दें। यह रिश्ता बच्चे को सही-गलत समझने में मदद करता है।
2. सकारात्मक रोल मॉडल बनें
बच्चे अपने माता-पिता को सबसे पहले देखते हैं। अगर आप ईमानदारी, मेहनत और सम्मान जैसे मूल्यों को अपने व्यवहार में दिखाएंगे, तो बच्चा भी इन्हें अपनाएगा। साइकोलॉजिस्ट्स कहते हैं कि माता-पिता का व्यवहार बच्चे के लिए सबसे बड़ा रोल मॉडल होता है। अगर आप चाहते हैं कि बच्चा अच्छी संगत चुने, तो पहले खुद अच्छे दोस्तों और सकारात्मक माहौल का हिस्सा बनें।
3. दोस्तों से मिलें और समझें
बच्चे के दोस्तों को जानना जरूरी है। उनके दोस्तों को घर बुलाएं, उनके साथ समय बिताएं और उनके व्यवहार को समझें। अगर आपको लगता है कि कोई दोस्त गलत प्रभाव डाल रहा है, तो बच्चे को डांटने की बजाय उस दोस्त के व्यवहार के नुकसान को प्यार से समझाएं। साइकोलॉजिस्ट्स सुझाव देते हैं कि दोस्तों के माता-पिता से भी संपर्क रखें, ताकि आप बच्चे के सामाजिक दायरे को बेहतर समझ सकें।
4. रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखें
बुरी संगत अक्सर तब शुरू होती है, जब बच्चे के पास खाली समय ज्यादा होता है। साइकोलॉजिस्ट्स सलाह देते हैं कि बच्चों को खेल, कला, संगीत या किसी ऐसी गतिविधि में शामिल करें, जो उनकी रुचि हो। ये गतिविधियां न केवल बच्चे को व्यस्त रखती हैं, बल्कि सकारात्मक और प्रेरणादायक लोगों से भी जोड़ती हैं। उदाहरण के लिए, एक खेल क्लब या डांस क्लास बच्चे को अच्छी संगत और आत्मविश्वास दे सकती है।
5. आत्मविश्वास बढ़ाएं
बच्चों में आत्मविश्वास की कमी उन्हें गलत संगत की ओर धकेल सकती है। साइकोलॉजिस्ट्स कहते हैं कि बच्चे की छोटी-छोटी उपलब्धियों की तारीफ करें और उन्हें अपनी राय व्यक्त करने का मौका दें। जब बच्चा आत्मविश्वास से भरा होता है, तो वह गलत प्रभावों से आसानी से बच सकता है। उनकी गलतियों को प्यार से सुधारें और उन्हें सही निर्णय लेने की आजादी दें।
6. डिजिटल दुनिया पर नजर रखें
आजकल बुरी संगत सिर्फ स्कूल या मोहल्ले तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेम्स भी बच्चों को गलत प्रभाव में ला सकते हैं। साइकोलॉजिस्ट्स सुझाव देते हैं कि बच्चे के ऑनलाइन दोस्तों और गतिविधियों पर नजर रखें, लेकिन उनकी निजता का सम्मान करें। उनके साथ ऑनलाइन दुनिया के फायदे-नुकसान पर खुलकर बात करें और स्क्रीन टाइम सीमित करें।
7. सही-गलत की समझ विकसित करें
बच्चों को नैतिक मूल्य सिखाना उन्हें बुरी संगत से बचाने का सबसे मजबूत हथियार है। साइकोलॉजिस्ट्स कहते हैं कि बच्चों को कहानियों, उदाहरणों और रोजमर्रा की बातचीत के जरिए सही-गलत का अंतर समझाएं। अगर बच्चा समझता है कि गलत संगत का परिणाम क्या हो सकता है, तो वह खुद सावधान रहेगा। उनकी उम्र के हिसाब से उन्हें जिम्मेदारी दें, ताकि वे समझदार बनें।
जनता की रुचि
सोशल मीडिया पर पेरेंटिंग टिप्स को लेकर खूब चर्चा हो रही है। #ParentingTips और #GoodCompany जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। एक मां ने लिखा, “मेरे बेटे को डांटने की बजाय अब मैं उसके दोस्तों से मिलती हूं, रिश्ता बेहतर हुआ।” माता-पिता इन सुझावों को अपनाकर अपने बच्चों के साथ मजबूत रिश्ता बना रहे हैं। यह जानकारी उन अभिभावकों के लिए वरदान है, जो बच्चों की संगत को लेकर चिंतित हैं।
निष्कर्ष: प्यार और समझ से बनाएं बच्चे का भविष्य
बच्चों को बुरी संगत से बचाना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है, लेकिन डांट-फटकार से ज्यादा प्यार और समझ कारगर है। खुला संवाद, सकारात्मक रोल मॉडल, रचनात्मक गतिविधियां और नैतिक मूल्य बच्चों को सही रास्ते पर रखते हैं। इन 7 सुझावों को अपनाकर आप अपने बच्चे के साथ एक भरोसेमंद रिश्ता बना सकते हैं। हमारी सलाह है कि धैर्य रखें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की मदद लें। आइए, अपने बच्चों को सही संगत के साथ एक उज्ज्वल भविष्य दें।
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