इससे पहले जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद इस पर चर्चा की गई। गोयल ने प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा कि भाजपा हरियाणा और केंद्र में अपनी सरकारों तथा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के माध्यम से पंजाब के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है।
प्रस्ताव के अनुसार, असंवैधानिक व गैरकानूनी तरीके से बीबीएमबी की बैठक बुलाकर पंजाब के हक का पानी जबरदस्ती हरियाणा को दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा ने 31 मार्च तक अपने हिस्से का पूरा पानी इस्तेमाल कर लिया है। अब भाजपा पंजाब का पानी हरियाणा को देना चाहती है।
प्रस्ताव में कहा गया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान मान सरकार ने पंजाब के हर खेत तक नहर से पानी पहुंचाने का प्रयास किया है। इसमें कहा गया, बहुत बड़े पैमाने पर नहरों और जलमार्गों का जाल बिछाया गया है। 2021 तक पंजाब के सिर्फ 22 प्रतिशत खेतों को नहर का पानी मिलता था। लेकिन आज पंजाब के करीब 60 प्रतिशत खेतों को नहर का पानी मिल रहा है।
ALSO READ:
उन्होंने कहा, इसलिए पंजाब के पानी की एक-एक बूंद पंजाब के लिए बहुत कीमती हो गई है। पंजाब के पास अब किसी दूसरे राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। प्रस्ताव के अनुसार हरियाणा ने छह अप्रैल को पंजाब से पीने के लिए पानी छोड़ने का अनुरोध किया था, जिसके बाद पंजाब ने बड़ा दिल दिखाते हुए 4,000 क्यूसेक पानी दिया। इसमें कहा गया है, हमारे गुरुओं ने हमें सिखाया है कि किसी भी प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाना बहुत बड़ा पुण्य है।
गोयल ने प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा की आबादी तीन करोड़ है और उसे पीने तथा अन्य मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केवल 1,700 क्यूसेक पानी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, अब हरियाणा कह रहा है कि उसे अचानक 8,500 क्यूसेक पानी की जरूरत है। पंजाब के पास अपनी मांग पूरी करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने जबरन असंवैधानिक व अवैध तरीके से बीबीएमबी की बैठक बुलाई और प्रस्ताव पारित किया कि पंजाब को अपने हिस्से का पानी हरियाणा को देना होगा।
प्रस्ताव में कहा गया, यह हमें स्वीकार्य नहीं है। प्रस्ताव में कहा गया, इसलिए यह सदन सर्वसम्मति से संकल्प लेता है कि पंजाब सरकार अपने हिस्से का एक भी बूंद पानी हरियाणा को नहीं देगी। इसमें यह भी कहा गया कि मानवीय आधार पर हरियाणा को पीने के लिए दिया जा रहा 4,000 क्यूसेक पानी जारी रहेगा, लेकिन इससे एक बूंद भी अधिक नहीं दिया जाएगा।
ALSO READ:
प्रस्ताव में कहा गया कि यह सदन सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा बीबीएमबी की बैठक अवैध और असंवैधानिक रूप से आयोजित करने की कड़ी निंदा करता है। प्रस्ताव में कहा गया है, बीबीएमबी केंद्र में बैठी भाजपा के हाथों की कठपुतली बन गई है। इसकी बैठकों में न तो पंजाब की आवाज सुनी जाती है और न ही उसके अधिकारों का ख्याल रखा जाता है। इसलिए बीबीएमबी का पुनर्गठन किया जाना चाहिए ताकि पंजाब के अधिकारों की रक्षा हो सके।
सदन बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 को भी पंजाब के अधिकारों पर हमला मानता है। चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रस्ताव का पूर्ण समर्थन किया तथा कहा कि देने के लिए पंजाब के पास एक बूंद भी पानी अतिरिक्त नहीं है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
You may also like
06 मई को 6 राशियों पर खुश होंगे 9 ग्रह, बरसेगा इतना पैसा सभाल नहीं पाएंगे
Met Gala 2025: शकीरा ने अपने अद्भुत लुक से सबका ध्यान खींचा
'मेट गाला' में बेबी बंप पकड़े कियारा आडवाणी ने मारी एंट्री, होने वाली मां का ये अवतार देख चमक उठीं सबकी आंखें
घर में इन 5 तस्वीरों का होना बनता है दुर्भाग्य का कारण 〥
कुंडली में सूर्य ग्रह को शांत करने के लिए करें ये आसान उपाय 〥